बैतूल विधायक हेमंत विजय खंडेलवाल मध्य प्रदेश भाजपा के निर्विरोध नए अध्यक्ष चुने गए हैं। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को करीब दस माह के इंतजार के बाद अपना नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने जा रहा है। बैतूल से पार्टी विधायक हेमंत खंडेलवाल का नाम निर्विरोध रूप से सामने आया है।

मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को करीब दस माह के इंतजार के बाद अपना नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने जा रहा है। बैतूल से पार्टी विधायक हेमंत खंडेलवाल का नाम निर्विरोध रूप से सामने आया है। खंडेलवाल एमपी के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के पसंदीदा बताए जाते है। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयं संघ और केंद्रीय नेतृत्व की भी उनके नाम पर सहमति है। पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल समेत कई नेता उनके नाम पर समर्थन जता चुके है। खंडेलवाल को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचाने में संघ के वरिष्ठ प्रचारक सुरेश सोनी की खास पैरवी बताई जा रही है।

2 सितंबर 1964 को उत्तर प्रदेश के मथुरा में जन्मे हेमंत खंडेलवाल के पिता विजय खंडेलवाल बैतूल के सांसद रह चुके है। पिता के निधन के बाद हुए उपचुनाव में हेमंत इसी सीट से 2008—09 में सांसद बने थे। हेमंत के पिता विजय खंडेलवाल भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे हैं। उनकी गिनती भी संघ के करीबी नेताओं में होती थी। इसी के चलते हेमंत खंडेलवाल का संगठन से जुड़ाव और भरोसा काफी पुराना है। हेमंत 2013,2018 और 2023 में बैतूल से सीट विधायक चुने गए है। इसके अलावा वे मप्र भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष की जिम्मेदार भी संभाल चुके हैं। खंडेलवाल वर्तमान में कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं।

मध्यप्रदेश की राजनीति में खंडेलवाल को संघ का निष्ठावान कार्यकर्ता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी सुरेश सोनी का करीबी सहयोगी माना जाता है। डॉ.मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने में भी सुरेश सोनी की राय अहम भूमिका में थी। दिल्ली में सोनी और यादव दोनों ने मिलकर हेमंत खंडेलवाल के नाम को आगे बढ़ाया है। सीएम यादव ने केंद्रीय भाजपा नेतृत्व को यह भरोसा भी दिलाया है कि खंडेलवाल के नेतृत्व में सरकार और संगठन के बीच तालमेल सुदृढ़ रहेगा। क्योंकि अभी वीडी शर्मा और सीएम यादव के बीच तालमेल ठीक नहीं होने सूचनाएं सामने आती रहती है।

मध्यप्रदेश भाजपा के सूत्रों का कहना है कि,खंडेलवाल की नियुक्ति के बाद से अध्यक्ष और कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय और तालमेल बेहतर होगा। क्योंकि वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा पार्टी कार्यकर्ताओं से ज्यादा संवाद नहीं रखते है। कई बार ये शिकायत भी भाजपा हाईकमान तक पहुंची है। खंडेलवाल की गिनती ऐसे नेताओं में होती है जो सभी कार्यकर्ताओं की बात सुनते है और सभी को साथ लेकर चलते है। समन्वय उनकी सबसे बड़ी ताकत बताई जाती है। खंडेलवाल के अध्यक्ष के बाद प्रदेश के निगम, मंडलों, बोर्ड, प्राधिकारियों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया तेज होगी। पहले की तुलना में पार्टी और सरकार के बीच समन्वय बेहतर होगा।  

एमपी में ऑपरेशन लोटस में भी अहम भूमिका निभा चुके है खंडेलवाल
हेमंत खंडेलवाल की ऑपरेशन लोटस में भी महत्वपूर्ण भूमिका बताई जाती है। सूत्रों का कहना है कि,वर्ष 2020 में जब कांग्रेस की कमलनाथ सरकार संकट में आई, तब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया। इस दौरान सिंधिया समर्थित 22 विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इस दौरान सिंधिया गुट से तुलसी सिलावट और बीजेपी की तरफ से हेमंत खंडेलवाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दौरान यह खबर आई थी कि कई विधायकों को बेंगलुरु के एक रिसॉर्ट में रुकवाने का इंतजाम किया गया था। हेमंत खंडेलवाल ने उन विधायकों की देखरेख की जिम्मेदारी ली थी। इसके अलावा केंद्रीय नेतृत्व से भी समन्वय का काम खंडेलवाल ने ही किया था।

निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए खंडेलवाल
बैतूल विधायक हेमंत विजय खंडेलवाल निर्विरोध मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष चुने गए। नामांकन प्रक्रिया में उनके अलावा किसी और ने नाम दाखिल नहीं किया। सीएम डॉ. मोहन यादव खंडेलवाल के प्रस्तावक बने। भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने मंत्री वीरेंद्र खटीक के बगल में बैठे हेमंत खंडेलवाल को इशारा किया। इसके बाद सीएम मोहन यादव उनका हाथ पकड़कर मंच पर लेकर पहुंचे। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, विवेक शेजवलकर और सरोज पांडे के सामने उन्होंने नामांकन दाखिल कराया। भाजपा कार्यालय के सभागार में चुनाव अधिकारी और चुनाव प्रभारी के साथ ही पर्यवेक्षक सरोज पाण्डे, सीएम डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीरेंद्र कुमार खटीक भी मौजूद हैं।