Hariyali Amavasya 2023: प्रकृति मानव सभ्यता का आधार है, इसलिए प्रकृति के साथ चलने के लिए प्राचीन काल से ही ऋषि-मुनियों ने इस परंपरा को पर्व और त्योहार के माध्यम से प्रकृति के साथ मानव को जोड़ने का कार्य किया है ।

ऋषि-मुनियों ने हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षारोपण करने की शुरुआत की, क्योंकि पेड़ पौधे हमारे जीवन का आधार हैं। इसलिए पेड़ पौधों को संरक्षित करने के लिए यह परंपरा तब से लेकर आज तक चली आ रही है ।
ज्योतिषाचार्य पं.मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया कि हम साल भर पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाते रहते हैं, लेकिन इस दिन हम प्रकृति को बचाने के लिए एक साथ परंपरिक मान्यता के अनुसार वृक्षारोपण करते हैं । विज्ञान भी यही कहता है कि जो पौधे ऑक्सीजन उत्पन्न करते हैं, उन्हें ज्यादा से ज्यादा लगाना चाहिए । हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भी आम, आंवला, नीम, वट और पीपल जैसे वृक्ष और तुलसी जैसे पौधे हरियाली अमावस्या के दिन लगाने चाहिए । अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित है इसलिए हरियाली अमावस्या पर हमको अपने पितरों की याद में उनके नाम का एक पौधा जरूर लगाना चाहिए. इससे देवताओं के साथ-साथ पितृ भी प्रसन्न होते हैं । इस बार हरियाली अमावस्या और सोमवार के संयोग से सोमवती अमावस्या का लाभ भक्तों को मिलेगा ,सावन मास के दूसरे सोमवार में सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव की कृपा बरसेगी । वहीं हरियाली अमावस्या पर कर्क संक्रांति भी है, इस दिन सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। कर्क राशि में बुध पहले से विराजमान है, सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग बनेगा. इससे व्रती को सूर्य देव का आशीर्वाद भी मिलेगा ।
हरियाली अमावस्या पर लगाएं राशि के अनुसार पेड़-पौधे
मेष राशि: आंवले का पौधा
वृषभ राशि: जामुन का पौधा
मिथुन राशि: चंपा का पौधा
कर्क राशि: पीपल का पौधा
सिंह राशि: बरगद या अशोक का पौधा
कन्या राशि: शिवजी का प्रिय बेल का पौधा, जूही का पौधा
तुला राशि: अर्जुन या नागकेसर का पौधा
वृश्चिक राशि: नीम का पौधा
धनु राशि : कनेर का पौधा
मकर राशि: शमी का पौधा
कुंभ राशि: कदंब या आम का पौधा
मीन राशि: बेर का पौधा