नई दिल्ली। Brown rice vs White Rice: चावल भारतीय खानपान का एक प्रमुख हिस्सा है, जिसके बिना कई लोगों का खाना अधूरा रह जाता है। खासकर दक्षिण भारत में चावल खाने का एक अभिन्न अंग होता है। कई लोगों को यह इतना पसंद होता है कि वह सुबह-शाम अपनी डाइट में चावल शामिल करते हैं। हालांकि, जब भी बात वजन कम करने की आती हैं, तो लोग सबसे पहले चावल को ही अपनी डाइट से डाउट करते हैं। इतना ही नहीं कई लोग आमतौर पर खाए जाने वाले सफेद चावल को सेहत के लिए कम फायदेमंद मानकर ब्राउन राइस से इसे रिप्लेस कर देते हैं।

ऐसे में लोगों के मन में अकसर यह सवाल रहता है कि व्हाइट राइस और ब्राउन राइस में से कौन ज्यादा सेहत के लिए गुणकारी है। अगर आप भी अकसर इस बात को लेकर दुविधा में रहते हैं, तो आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे व्हाइट राइस और ब्राउन राइस दोनों में क्या सेहत के लिए ज्यादा लाभकारी है और क्यों?

फाइबर से भरपूर

ब्राउन राइस में इसकी ऊपरी परत बरकरार रहती है, जो इसे डाइटरी फाइबर का एक बेहतरीन स्रोत बनाती है। इसकी वजह से इसे खाने से आपके पाचन स्वास्थ्य में सुधार होता है, वजन प्रबंधन में मदद मिलती है और कब्ज की संभावना भी कम होती है।

कम ग्लाइ सेमिक इंडेक्स

सफेद चावल की तुलना में ब्राउन राइस में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे इसे खाने के बाद ब्लड शुगर के स्तर में तेजी से बढ़ोतरी नहीं होती। इस तरह यह आपको ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने और टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम करने में भी मदद कर सकता है।

हाई न्यूट्रिएंट कंटेंट

ब्राउन चावल अपनी भूसी या ऊपरी परत को बरकरार रखता है, जो फाइबर, विटामिन और मैग्नीशियम, फास्फोरस और बी विटामिन जैसे मिनरल से भरपूर होते हैं, जो सफेद चावल की तुलना में इसे अधिक पौष्टिक बनाते हैं।

दिल दिमाग पर असर

सफेद चावल की तुलना में ब्राउन राइस फाइबर, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सूजन को कम करके और आपके पूरे हार्ट फंक्शन को बेहतर कर हार्ट हेल्थ को सुधारने में मदद करते हैं।

वेट मैनेजमेंट

ब्राउन राइस में सफेद चावल की तुलना में हाई फाइबर कंटेंट ज्यादा होता है, जो लंबे समय तक पेट भरा रखते हैं, जिससे भूख कंट्रोल होती है और आपको ज्यादा खाने से रोकने में मदद करती है, जिससे वेट मैनेजमेंट और वजन घटाने के प्रयासों में सहायता मिल सकती है।

पाचन संबंधी लाभ

ब्राउन राइस में सफेद चावल से ज्यादा फाइबर पाया जाता है, जो नियमित मल त्याग को बढ़ावा देकर, कब्ज को रोककर और स्वस्थ और संतुलित गट माइक्रोबायोम को बढ़ाकर स्वस्थ पाचन तंत्र का समर्थन करता है।