भोपाल ।   विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायक व पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को सरकार के खर्च पर खाना खिलाने का मुद्दा उठाया। साथ ही गुजरात के जू में बाघ, घडियाल आदि भेजने और बदले में चिड़िया, भेड़ व बकरी खरीदने की बात कही। इस पर सदन में इतना हंगामा हुआ कि तीन बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। संसदीय कार्यमंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने पटवारी को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने उन्हें खेद जताने के लिए कहा, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया और फिर पटवारी को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। उधर, कांग्रेस विधायक दल ने इस कार्यवाही को विपक्ष की आवाज दबाने का कदम बताते हुए विधानसभा अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्णय लिया है। पटवारी ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में साढ़े सात हजार शस्त्र लाइसेंस देने, प्रदेश के ऊपर बढ़ते ऋण, ब्याज अदायगी में बड़ी राशि व्यय करने, किराए का विमान लेने में करोड़ों रुपये व्यय करने, शासकीय धन से भाजपा कार्यालय में चाय, नाश्ता व भोजन कराने, गुजरात के जामनगर स्थित रिलायंस के जू को पांच बाघ, पांच शेर, घड़ियाल, दो लोमड़़ी भेजने का मुद्दा उठाया। जू में वन्य प्राणी भेजने के बदले में छिपकली, चिड़िया, तोते लेने और भेड़-बकरी खरीदने की बात कही। साथ ही दूध के व्यवसाय से जुड़ी एक टिप्पणी भी की, जिसे बाद में विलोपित कर दिया गया। इस पर संसदीय कार्यमंत्री ने आपत्ति की और दस्तावेज पटल पर रखने की बात कही। कहा कि प्रदेश में शेर है ही नहीं, ऐसी बातें कहकर पटवारी सदन को गुमराह कर रहे हैं। पहले भी इन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को भोजन कराने की बात कही थी। इसके दस्तावेज रखवाए जाएं। हम इनके विरुद्ध विशेषाधिकार हनन का नोटिस देंगे। जब पटवारी ने आरोपों से संबंधित दस्तावेज पटल रखने के लिए सदन के अधिकारियों को दिए तो हंगामा हुआ और यह बढ़ता ही गया। इसके कारण तीन बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। करीब एक घंटे कार्यवाही स्थगित होने के बाद जब पुन: शुरू हुई तो संसदीय कार्य मंत्री ने पटवारी को सदन की शेष बैठकों के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद अध्यक्ष ने उन्हें निलंबित कर दिया। इसके विरोध में कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा किया और सदन की कार्यवाही शुक्रवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

पटवारी के साथ खड़ी हुई कांग्रेस, कमल नाथ ने कहा-लोकतंत्र की हत्या हो रही

पटवारी के विरुद्ध हुई कार्यवाही के विरोध में कांग्रेस पूरी तरह से उनके साथ खड़ी हो गई। सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के आवास पर विधायक दल की बैठक हुई। इसमें अध्यक्ष की कार्यवाही को अलोकतांत्रिक बताते हुए उनके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्णय लिया गया। कमल नाथ ने मीडिया से चर्चा में कहा कि आखिर सरकार सदन में चर्चा से क्यों भागना चाहती है। सदन को चलाने में इनकी कोई रुचि नहीं है। ये पहले से तय करके आए थे कि सदन नहीं चलने देना हैं। ये विपक्ष की आवाज घोंटना चाहते हैं। हम भ्रष्टाचार पर सवाल पूछेंगे, इसलिए सदन नहीं चलने देना चाहते हैं।प्रदेश के लिए यह दुख का दिन है। पटवारी ने जो प्रश्न पूछे वे सब रिकार्ड में हैं। भाजपा कार्यालय में खाना खिलाया गया, यह तो शासन के जवाब में है। नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह ने कहा कि भाजपा कार्यालय में खाना खिलाने उत्तर तो सरकार का है। इसे पटल पर रखा तो साजिश रचकर सदन न चलने दिया। अध्यक्ष ने भाजपा सरकार का मोहरा बनकर निर्णय दिया। पटवारी ने कहा कि मैंने जो भी बात कही, वह दस्तावेजों में है। हम सरकार के भ्रष्टाचार को यूं ही उठाते रहेंगे और मेरे बारे में जो भी निर्णय लेना है, वह पार्टी लेगी।

इनका कहना है

सदन को हम लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं। पक्ष और विपक्ष को इसी से ताकत मिलती है पर पटवारी झूठ का सहारा लेकर पूरे प्रदेश को गुमराह कर रहे हैं। एक मामला पहले से विशेषाधिकार समिति में विचाराधीन है। आज भी उन्होंने असत्य बोला। वे लगातार झूठे आंकड़े और किस्से सुनाते रहे। इसे लेकर प्रस्ताव रखा था, जिस पर उन्हें अध्यक्ष ने बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया।

- डा. नरोत्तम मिश्रा, मंत्री संसदीय कार्य।