नई दिल्ली। Diabetes: डायबिटीज को स्लो डेथ भी कहा जाता है। खराब लाइफस्टाइल की वजह से यह बीमारी कई लोगों को अपना शिकार बना रही है। ब्लड शुगर लेवल बढ़ने की वजह से शरीर के अंगों पर धीरे-धीरे काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है, जिसकी वजह से व्यक्ति की जान जाने का खतरा भी रहता है।

यह बीमारी इसलिए भी इतनी खतरनाक है क्योंकि अभी तक इसका कोई इलाज नहीं मिल पाया है, यानी एक बार डायबिटीज की चपेट में आने के बाद यह जीवनभर साथ रहता है, लेकिन हाल ही में एक मामला ऐसा सामने आया, जिसमें एक Diabetes के मरीज ने इस कंडिशन को रिवर्स कर दिया, वह भी बिना किसी दवाई की मदद लिए। आइए जानते हैं कि आखिरकार यह हुआ कैसे।

भारतीय मूल के रवि चंद्रा, जो अभी हांग कांग की एक कंपनी अमोली एंटरप्राइजेस लिमिटेड के सीएफओ हैं, को 2015 में पता चला कि वह Type-2 Diabetes का शिकार हो चुके हैं। टाइप-2 डायबिटीज में व्यक्ति के सेल्स इंसुलिन का इस्तेमाल सही तरीके से नहीं कर पाते, जिसके कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है।

नहीं ली किसी दवाई की मदद

हालांकि, डायबिटीज के बारे में पता लगने के बाद रवि चंद्रा ने तय किया कि वह किसी भी दवाई का सहारा नहीं लेंगे। उनका मानना है कि एक बार दवाई लेनी शुरू करने के बाद इसका डोज बढ़ता ही जाता है, कम नहीं होता। इसलिए उन्होंने डायबिटीज को प्राकृतिक तरीके से ठीक करने की ठानी। उन्होंने अपनी फिटनेस लेवल को बढ़ाने का फैसला किया।

रोजाना 10 कि.मी. करते हैं रनिंग

इसके लिए उन्होंने नियमित तौर से रनिंग करना शुरू की। उन्होंने शुरुआत में अपना स्टैमिना बढ़ाने के लिए वॉक करना शुरू किया और बीच में थोड़ी देर के लिए रनिंग करते थे। ऐसे धीरे-धीरे उनका स्टैमिना बढ़ना शुरू हुआ और अब वह एक दिन में बिना रुके 10 कि.मी. दौड़ पाते हैं। कमाल की बात यह है कि रनिंग शुरू करने के मात्र 3 महीने बाद ही उनका ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल हो गया।

इतनी लंबी दौड़ को पूरा करने के लिए वे मैक्सीमल एरोबिक फंक्शन तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। इसमें एक्सपर्ट की मदद से व्यक्ति की उम्र और अन्य फैक्टर्स के अनुसार, लो एरोबिक हार्ट रेट पर ट्रेनिंग की जाती है। इस तकनीक की मदद से दौड़ते समय चोट लगने या किसी अन्य नुकसान से बचाव में मदद मिलती है।

डाइट का रखते हैं खास ध्यान

इसके अलावा, वे अपनी डाइट का भी खास ख्याल रखते हैं और ज्यादातर सिर्फ शाकाहारी खाना ही खाते हैं। चंद्रा अपनी डाइट में काफी कम मात्रा में चिकन या फिश को शामिल करते हैं, वह भी कभी-कभार। वह ब्रेकफास्ट में इडली, डोसा, दही चावल जैसे फर्मेंटेड फूड्स खाते हैं, जिससे वे पूरे दिन एनर्जी से भरपूर रहते हैं। लंच और डिनर के लिए वह चावल और सब्जियां खाते हैं और साथ ही, सेब और संतरे जैसे फलों को भी अपनी डाइट का हिस्सा बनाते हैं।