लक्ष्मी पुत्र अमर और सरस्वती पुत्र शैलेश के बीच है मुकाबला, जो हारा उसकी राजनीति खत्म
बिलासपुर । जिले की सबसे हॉट सीटों में बिलासपुर विधानसभा का नाम सबसे ऊपर है। यहां लक्ष्मी पुत्र अमर अग्रवाल और सरस्वती पुत्र शैलेश पांडेय के जबरदस्त मुकाबला है। राजनीति के पंडितों की माने तो दोनो में से जो भी चुनाव हारेगा उसकी राजनीति खत्म हो सकती है। चुनाव प्रचार के दौरान दोनो के बीच जुबानी जंग भी खूब हुई है।
विधानसभा चुनाव का प्रचार खत्म हो चुका है। शुक्रवार को सुबह 8 बजे से वोटिंग शुरू हो जाएगी। मतदान दल पूरी तैयारी के साथ मतदान केंद्रों में पहुंच गए है। इसी के साथ प्रत्याशियों के साथ उनके समर्थकों की धड़कने बढ़ गई है। शुक्रवार को क्षेत्र के 2 लाख 50 हजार 634 मतदाता अपने विधायक का चुनाव करेंगे। इनमे से 1 लाख 24 हजार पुरुष मतदाता है तो 1 लाख 26 हजार 558 महिला मतदाता हैं। जातीय समीकरण के हिसाब से देखें तो शहर में सबसे ज्यादा मुस्लिम मतदाता है। लगभग 35 हजार मतदाता मुस्लिम समाज के है। इसी तरह 25 हजार से अधिक मतदाता ब्राम्हण है। इसके बाद सिंधी, साहू, कुर्मी, दलित वर्ग के मतदाता है। लगभग महीनेभर की चुनावी प्रचार प्रसार में दोनो प्रत्याशियों के बीच जमकर आरोप प्रत्यारोप लगाए गए। भाजपा प्रत्याशी अमर अग्रवाल बढ़ती आपराधिक घटनाओं को मुख्य मुद्दा बनाए और तीखे हमले किए की तो कांग्रेस प्रत्याशी शैलेश पांडेय ने सिवरेज से शहर की बरबादी, शहर को खोदापुर बनाने का आरोप लगाया। यही नहीं आपराधिक घटनाओं को मुद्दा बनाए जाने का जवाब देते हुए सुशील पाठक हत्याकांड, जीत टाकीज हत्याकांड, गौरांग बोबडे की संदिग्ध मौत और छठघाट में प्रेमी जोड़े की हत्या की याद दिला दी। आरोप प्रत्यारोप का दौर खत्म हो गया है शुक्रवार को वोटिंग होगी। अब देखना है शहर की जनता फिर से लक्ष्मी पुत्र अमर अग्रवाल का चुनाव करती है की सरस्वती पुत्र शैलेश पांडेय को अपना विधायक चुनती है। अमर अग्रवाल बिलासपुर से चार बार के विधायक रह चुके हैं। वे लगातार 15 साल मंत्री भी रहे। पिछली बार उन्हें शैलेष पांडेय ने शिकस्त दी थी। शैलेष पांडेय ने भाजपा के कद्दावर नेता अमर अग्रवाल को 11221 मतों से पराजित कर पहली बार विधायक बने थे। चुनाव में शैलेष पांडेय को 67,896 मत मिले थे जबकि भाजपा के अमर अग्रवाल को 56,675 मत मिले थे।