लखनऊ । शत्रुघ्न सिन्हा के डायलॉग खूब पसंद किए जाते थे। अमेठी में वह जनसभा को संबोधित करने गए तो सामने सिर्फ 100 लोग थे। जिससे वो नाराज हो गए। यह वाक्या 1989 का है। उस वक्त कांग्रेस से राजीव गांधी, जनता दल से राज मोहन गांधी, बसपा से कांशीराम के साथ ही 47 उम्मीदवार मैदान में थे। हर तरफ चुनाव का शोर था। उस वक्त असली-नकली गांधी का मुद्दा खूब उछला था। 
सभी दल एक दूसरे को पछाड़ने में लगे हुए थे। ऐसे में एक दिन ऐसा आया जब अमेठी में एक-दो नहीं, तीन-तीन वीआईपी की सभा थी। एक तरफ प्रत्याशी राजीव गांधी को आना था जबकि जनता दल के प्रत्याशी के समर्थन में शत्रुघ्न सिन्हा व राज बब्बर की अलग-अलग सभाएं थीं। उस वक्त जनता दल के चुनाव प्रबंधन से जुड़े गोविंद सिंह बताते हैं कि मशहूर फिल्मी हस्तियों में शुमार रहे शत्रुघ्न सिन्हा की लोगों में खासी मांग थी। उनके डायलॉग खूब पसंद किए जाते थे। ऐसे में नानाजी देशमुख के कहने पर शाहगढ़ के गर्ल्स कॉलेज में उनकी चुनावी सभा आयोजित की गई थी। सभा में जब शत्रुघ्न सिन्हा पहुंचे तो वह भीड़ देखकर आयोजकों पर भड़क उठे उन्होंने कहा कि क्या मैं सौ लोगों के बीच भाषण दूंगा। इसके बाद आयोजक एक दूसरे की ओर देखने लगे। बाद में बताया गया कि गौरीगंज में भी एक सभा है। वहां चलिए आपको भीड़ अच्छी मिलेगी। इस पर गोविंद सिंह के साथ वह कार से निकले और शत्रुघ्न सिन्हा ने गौरीगंज में सभा को संबोधित किया।