पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में इन दिनों काफी संघर्ष चल रहा है। इसे लेकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री चिंतित हैं। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पीओके के लोगों की समस्या का समाधान खोजने के लिए एक समिति गठित की है। गौरतलब है कि गुरुवार को शहबाज एक दिन के दौरे पर मुजफ्फराबाद गए थे। लोगों ने उनके समक्ष अपनी मांग रखी। हालांकि, इस दौरान कुछ उपद्रवियों ने दंगा फैलाने और हत्याएं करने की कोशिश की।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शरीफ ने गुरुवार को पीओके सरकार की कैबिनेट की एक विशेष बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जल शुल्क और नीलम-झेलम जलविद्युत संयंत्र जैसे मुद्दों पर चर्चा करने लिए एक समिति के गठन का आदेश दिया। पीओके में आटे की ऊंची कीमतों और बढ़ें हुए बिजली बिलों और करों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प के दौरान एक पुलिस जवान सहित चार लोगों की मौत हो गई। हमले में कई लोग घायल हैं।

शहबाज ने विरोध प्रदर्शन के दौरान एक पुलिस अधिकारी और नागरिकों की हत्या पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उनके परिवारों का समर्थन करेगी। आईएमएफ टीम की यात्रा के बाद, मंत्री और बिजली सचिव मुद्दों का स्थायी समाधान खोजने के लिए कश्मीरी अधिकारियों से बात करेंगे। पाकिस्तान कश्मीरी लोगों को अपना नैतिक और राजनयिक समर्थन देना जारी रखेगा।पीओके के राजनीतिक कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने हाल ही में भारत सरकार से अपील की कि भारत पाकिस्तान के राजदूत को तलब करे और उनसे स्पष्टीकरण मांगे। मिर्जा ने सोमवार को एक वीडियो बयान जारी किया। वीडियो में उन्होंने कहा कि आज सुबह लगभग पांच लाख लोग मुजफ्फराबाद और आसपास के शहरों में बिजली बिलों पर करों, सब्सिडी में कटौती का विरोध कर रहे थे। उनकी मांग थी कि कि सरकार प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के भत्तों और विशेषाधिकारों को समाप्त करे।