अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा,"राजकोट टेस्ट मैच के दौरान जब मुझे अपनी मां की बीमारी के बारे में पता चला तो मैं अपने कमरे में रो रहा था और किसी का फोन नहीं उठा रहा था। ऐसे में रोहित और राहुल द्रविड़ मेरे पास आए और मैंने उनसे कहा कि मैं कुछ नहीं सोच पा रहा हूं। मैं अंतिम एकादश का हिस्सा था और अगर मैं टीम छोड़ दूंगा तो उसमें केवल 10 खिलाड़ी रह जाएंगे।"

रोहित शर्मा का जिक्र करते हुए भावुक हुए अश्विन

"दूसरी तरफ मैं अपनी मां के बारे में सोच रहा था। मैं अपनी मां के पास जाना चाहता था। राजकोट हवाई अड्डा शाम छह बजे बंद हो गया था और उसके बाद कोई उड़ान नहीं थी। मैं नहीं जानता था कि क्या करना है। रोहित ने मुझे कुछ भी नहीं सोचने और परिवार के पास जाने के लिए कहा। वह मेरे लिए चार्टर्ड विमान की व्यवस्था करने में लगा हुआ था।"

मैं सोच रहा था कि अगर मैं कप्तान होता तो मैं भी अपने खिलाड़ी को परिवार के पास जाने के लिए कहता लेकिन मैं उसके साथ किसी और को भी भेजने के बारे में सोचता, मैं नहीं जानता। उस दिन मैंने रोहित में एक असाधारण कप्तान देखा था।

जो रूट की बल्लेबाजी पर अश्विन ने क्या कहा?

अश्विन ने इंग्लैंड के बैजबाल क्रिकेट पर अश्विन ने कहा,"पहले टेस्ट के बाद मैं एक बात समझ गया कि बैजबाल केवल आक्रामक क्रिकेट नहीं है। ये डिफेंसलेस क्रिकेट भी है। इंग्लिश टीम बिल्कुल भी रक्षात्मक शाट नहीं खेल सकती थी।"

उन्होंने आगे कहा,"मुझे हैरानी थी कि जो रूट भी इंग्लैंड के आक्रामक खेलने की रणनीति से सहमत थे। मैं जानता था कि अगर वह हमारे विरुद्ध आक्रामक खेलेंगे तो विकेट गंवाएंगे। हमने यही किया। उन्होंने कहा कि विशाखापत्तनम में उनके द्वारा किया गया स्पैल सबसे अच्छा था।"