प्रोसेनजीत चटर्जी ने अपनी वेब सीरीज 'जुबली' में छलकाया दर्द....
अपकमिंग वेब सीरीज जुबली में नजर आने वाले अभिनेता प्रोसेनजीत चटर्जी ने खुलासा किया कि रीजनल एक्टर्स को मुंबई में ज्यादा काम नहीं मिलता है। ओटीटी कंटेंट के उदय के बारे में बात करते हुए अभिनेता ने कहा कि आजकल यंग एक्टर्स को इंडस्ट्री में बहुत अधिक एक्सपोजर मिल रहा है।
वेब सीरीज जुबली में नजर आए प्रोसेनजीत
प्रोसेनजीत कई दशकों से बंगाली फिल्म उद्योग में काम कर रहे हैं। उनकी कुछ पॉपुलर फिल्मों में अमर संगी, बियेर फूल, चोखेर बाली, ऑटोग्राफ, बैशे सर्बों, मिशावर रोहोस्यो और जातिश्वर शामिल हैं। उन्होंने बॉलीवुड में भी काम किया है, विशेष रूप से दिबाकर बनर्जी की 2012 की फिल्म शंघाई में, जिसमें इमरान हाशमी, अभय देओल, कल्कि कोचलिन और तिलोत्तमा शोम ने अभिनय किया था।
छलका दर्द
अब, हालिया इंटरव्यू में प्रोसेनजीत ने खुलासा किया है कि 1990 के दशक में आंधी, वीरता और सोने की जंजीर जैसी फिल्मों में अभिनय करने के बाद भी उन्होंने बॉलीवुड में अधिक फिल्में क्यों नहीं कीं। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि सभी रीजनल एक्टर्स के साथ होता है, ऐसा नहीं है कि हम मुंबई आते हैं और बहुत काम करते हैं। मैंने आखिरी बार शंघाई में काम किया था, जिसे अब काफी समय हो गया है... अभी यहां बहुत टैलेंट है और इतने सारे दरवाजे खुल गए हैं। नए प्लेटफॉर्म आ गए हैं और सभी को काफी एक्सपोजर मिल रहा है।"
बॉलीवुड में नहीं मिलता ज्यादा काम
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए एक्टर ने कहा, "भाषा अब कोई मुद्दा नहीं है। युवा पीढ़ी के लिए बहुत अच्छा समय है। इस शो के साथ भी हम कुछ बहुत ही अनोखा करने की कोशिश कर रहे हैं... समय बदल गया है, निश्चित रूप से। बंगाली कलाकारों ने और भी बहुत कुछ किया है।”
"एक्टर्स के लिए समय काफी बदल गया है"
विक्रमादित्य मोटवाने-हेल्म्ड सीरीज में अपने किरदार पर रिएक्शन देते हुए, अभिनेता ने आगे कहा कि कैसे इस पीढ़ी के एक्टर्स के लिए समय काफी बदल गया है। "वह थिएटर और स्टूडियो का समय था। लेकिन अब चीजें बदल गई हैं, आज यह निर्देशक और निर्माता का विजन है जो सितारों को बनाता है। मेरे लिए मुझे लगता है कि सिर्फ उन्होंने ही नहीं बल्कि हर तकनीशियन ने मुझे वह बनाने की दिशा में काम किया है जो मैं आज हूं। मैं उन सभी लोगों का एहसानमंद हूं जिनके साथ मैंने काम किया है।"