भोपाल: प्रशासन का कहना है कि शहर में प्रदूषण बढ़ने का कारण कचरा और पराली जलाना है. ऐसे में पराली जलने से ओजोन का स्तर भी बढ़ रहा है. इससे हवा में ऑक्सीजन का स्तर भी कम हो रहा है. आपको बता दें कि भोपाल के प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान पीएम 2.5 फीसदी कणों को भी बढ़ा रहा है, जिसकी वजह शहर के आसपास के खेतों में पराली जलाना, सड़कों पर उड़ने वाली धूल हवा को प्रदूषित कर रही है. जिसकी वजह से शहर के लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है और इसके साथ ही कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है.

कलेक्टर के आदेशों के बावजूद बेखौफ किसान
किसानों द्वारा पराली जलाने से शहर की हवा पर बहुत असर पड़ रहा है और इसकी वजह से AQI का स्तर तेजी से बढ़ रहा है. शहर के कलेक्टर ने कई आदेश जारी किए थे लेकिन किसान बेखौफ कलेक्टर के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं और धान की कटाई के बाद खेतों में पराली जला रहे हैं. इससे पराली के धुएं से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है और जंगली जानवरों को भी सांस लेने में दिक्कत हो रही है. 

भोपाल में 5 से ज्यादा मामले सामने आए
प्रशासन के सख्त निर्देश के बावजूद जिला मुख्यालय के नजदीक धान की पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं. मध्य प्रदेश में पराली जलाने की 400 से ज्यादा घटनाएं सामने आ चुकी हैं. जिसमें राजधानी भोपाल से 5 से ज्यादा घटनाएं सामने आई हैं. हर साल की तरह इस बार भी ऐसी घटनाएं सामने आती हैं लेकिन सख्त आदेश जारी करने के बाद भी पराली जलाने पर रोक नहीं लग पा रही है.

अस्थमा और कैंसर का खतरा बढ़ा
भोपाल में AQI बढ़ने और हवा खराब होने की वजह से शहर के लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है और इसके साथ ही कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है. इसके साथ ही कई जंगली जानवरों को भी सांस लेने में दिक्कत हो रही है. इस प्रदूषण की वजह से लोग अस्थमा, कैंसर, जुकाम, आंखों में जलन जैसी बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं. डॉक्टरों ने भी घर से कम निकलने और बाहर जाने से बचने की सलाह दी है. मॉर्निंग वॉक और एक्सरसाइज से बचें. बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. अगर बाहर निकलें तो मास्क जरूर पहनें.