बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समाज के लोगों के साथ जारी बर्बरता को लेकर विभिन्न देशों में रहने वाले प्रवासी भारतीय भी आक्रोशित हैं। 100 से अधिक देशों में प्रवासी भारतीय प्रदर्शनों, प्रार्थना सभाओं और ज्ञापन के जरिये बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ जारी हिंसा को रोकने और हिंदुओं की मानवाधिकार की रक्षा की मांग उठा रहे हैं।

समाज व सरकारों को स्थिति की भयावहता बता रहे हैं ताकि बांग्लादेश में कट्टरपंथियों की कठपुतली बनी अंतरिम सरकार पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बढ़ाया जा सके और वहां अल्पसंख्यकों के अधिकार बहाल हो। जानकारी के मुताबिक, प्रवासी भारतीयों द्वारा अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, डेनमार्क, स्वीटजरलैंड, थाईलैंड, सिंगापुर और इंडोनेशिया समेत अन्य देशों में विरोध व जागरूकता अभियान तेज है।

यह अभियान बांग्लादेश के मुक्ति दिवस 16 दिसंबर तक चलेगा। उसी दिन भारत की मदद से बांग्लादेश वर्ष 1971 में पाकिस्तान से अलग होकर स्वतंत्र देश बना था। सोमवार 9 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय नरसंहार दिवस पर अमेरिका के कैपिटल हिल में बड़ा प्रदर्शन करने की तैयारी है। विदेशी धरती पर चल रहे इस अभियान में हिंदू स्वयंसेवक संघ व विहिप के साथ देशवार हिंदू धार्मिक, सामाजिक व सांस्कृतिक समेत अन्य संगठन साथ जुड़े हैं। हिंदू मूल के राजनीतिज्ञ, जनप्रतिनिधि व उद्यमी भी साथ आए हैं।

अमेरिका और ब्रिटेन जैसे बांग्लादेश को आर्थिक मदद देने वाले देशों पर दबाव बनाने की कोशिश हो रही है कि वे उसे आर्थिक मदद तभी करें जब वहां हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों के अधिकार सुनिश्चित हों। प्रवासी भारतीयों द्वारा संयुक्त राष्ट्र व अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों पर भी लगातार दबाव बनाया जा रहा है कि वे मामले में हस्तक्षेप करें।

बांग्लादेश के उत्पादों के बहिष्कार की भी मुहिम जोर पकड़ रही है। खासकर कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के परिधान बांग्लादेश में निर्मित होते हैं। अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से आग्रह किया जा रहा है कि वे वहां से उत्पाद न मंगाए, क्योंकि इसमें हिंदुओं के खून सने हैं। इसी तरह इंटरनेट मीडिया पर कई ब्रांड के नाम उल्लेखित कर उसे बहिष्कार का अनुरोध किया जा रहा है।

विभिन्न देशों में धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक व मानवाधिकार संगठन बांग्लादेश में हिंदुओं समेत अलपसंख्यकों के साथ जारी धार्मिक हिंसा को लेकर चिंतित हैं और अपना विरोध जता रहे हैं। विभिन्न देशों की सरकारों व संस्थाओं से आग्रह कर रहे हैं कि वह हस्तक्षेप करें। इस मुहिम में भी हिंदू स्वयंसेवक संघ व विहिप के लोग भी भाग ले रहे हैं। आलोक कुमार अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष, विहिप।