लखनऊ। लखनऊ मेट्रो का विस्तार होने जा रहा है। अब मेट्रो बसंतकुंज से चारबाग तक दौड़ सकेगी। मेट्रो के प्रस्तावित ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के डीपीआर को मंजूरी मिल गई है। परियोजना को लेकर नौ जुलाई को दिल्ली में हुई बैठक में नेटवर्क प्लॉनिंग ग्रुप (एनपीजी) ने मंजूरी दे दी। प्रदेश सरकार की ओर से इस परियोजना को मार्च में ही अनुमोदन मिल चुका है।
प्राप्त विवरण के मुताबिक अपर सचिव औद्योगिक नीति संवर्धन विभाग वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की अध्यक्षता में दिल्ली स्थित वाणिज्य भवन में एनपीजी की बैठक हुई। बैठक में प्रधानमंत्री गति शक्ति (पीएमजी) नेशनल मास्टर प्लान पोर्टल का उपयोग करते हुए विभिन्न प्रकार की यूटिलिटी वॉटर पाइप लाइन, ट्रांसमिशन लाइन, सीवर लाइन, रेलवे लाइन, पुरातत्व विभाग से संबंधित इमारतें, स्मारक, बस स्टैंड व मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी पर चर्चा की गई। चर्चा में ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर मेट्रो निर्माण के लिए किसी भी प्रकार की बाधा को नहीं पाए जाने पर संतोष भी जताया गया। साथ ही पीएम गति शक्ति पोर्टल के जरिए मेट्रो निर्माण के लिए स्थलीय परीक्षण से पहले निर्माण के मार्ग में आने वाली रेलवे लाइन, सीवर, नाले, संरक्षित स्मारक, हाईवे, पुल, फ्लाईओवर सहित सभी पहलुओं पर बारीकी और सटीक जानकारी मिलने के साथ निर्माण की योजना बनाने में समय की बचत जैसे बिंदुओं को लेकर भी चर्चा की गई।
बैठक में परियोजना से संबंधित केंद्रीय आवासन, शहरी विकास, रक्षा, रेलवे, पर्यावरण, वन विभाग व वित्त विभाग के प्रतिनिधि शामिल हुए। यूपी मेट्रो के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने बताया कि मेट्रो के ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर को एनपीजी से मंजूरी मिलना एक बड़ी उपलब्धि है। लखनऊ के शहरी परिवहन के साथ मौजूदा मेट्रो कॉरिडोर के लिए यह परियोजना बेहद अहम है। बसंतकुंज से चारबाग तक प्रस्तावित ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर की कुल मार्ग लंबाई 11.165 किलोमीटर होगी। इसमें एलिवेटेड लंबाई 4.286 किलोमीटर होगी, जबकि भूमिगत लंबाई 6.879 किलोमीटर होगी। कॉरिडोर में कुल स्टेशनों की संख्या 12 होगी, जिसमें 7 भूमिगत और 5 एलिवेटेड स्टेशन होंगे। कॉरिडोर के पूरा होने में करीब 5 वर्षों का समय लगेगा। अनुमानित लागत 5,801 करोड़ रुपये बताई जा रही है। कॉरिडोर मौजूदा नार्थ-साउथ कॉरिडोर के चारबाग मेट्रो स्टेशन से जुड़ेगा। चारबाग मेट्रो स्टेशन इंटरचेंज स्टेशन के तौर पर काम करेगा।