यूपी के जंगलों में 870 तेंदुए टहल रहे हैं। वन विभाग ने वर्ष 2022 में इनकी गणना कराई थी। यूपी में तेंदुओं की संख्या में तीन साल में दोगुना से ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2019 की गणना में 415 तेंदुए मिले थे। अलग-अलग जंगलों में तेंदुओं की संख्या के हिसाब से इनके संरक्षण की योजना भी तैयार की जा रही है।

वर्ष 2022 की गणना के अनुसार मेरठ व गाजियाबाद में 9-9 और हापुड़ में तीन तेंदुए विचरण कर रहे हैं। बुंदेलखंड में गणना करने वाली टीम को ललितपुर में 22 और चित्रकूट में 15 तेंदुए मिले, इटावा में 20 तेंदुए हैं। इनकी संख्या के लिहाज से गोंडा क्षेत्र के जंगल काफी समृद्ध हैं।

वहां के सोहेलवा में 116 और सोहागीबरवा में 67 तेंदुए हैं। पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 101 और वन्यजीव प्रभाग पीलीभीत में एक तेंदुआ मिला है। बरेली मंडल के अन्य तीन जिलों बरेली, बदायूं और शाहजहांपुर में इनकी संख्या शून्य है। मुरादाबाद में 5 और अमरोहा में 16 तेंदुए हैं। रिपोर्ट में बिजनौर और नजीबाबाद में भी इनकी संख्या क्रमशः 199 और 105 बताई गई है।

दुधवा टाइगर रिजर्व के पलिया में 34, कतर्नियाघाट में 37 और बफरजोन में 21 तेंदुए हैं। इसी तरह से कैमूर में 20, वन्यजीव पश्चिमी क्षेत्र कानपुर में 3, लखीमपुर खीरी में 13, सीतापुर में 7 और मिर्जापुर में 10 तेंदुए हैं। इसके अलावा कुछ तेंदुए अन्य स्थानों पर सतत विचरण अवस्था में भी हैं।

इनके संरक्षण और संवर्धन के लिए ग्लोबल टाइगर फोरम (जीटीएफ) की ओर से प्रदेश में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाया गया है। स्मॉल कैट प्रजाति के तेंदुओं समेत सभी वन्यजीवों के संरक्षण के लिए अलग से एक कार्ययोजना भी बन रही है। इससे आने वाले दिनों में तेंदुओं की संख्या और भी बढ़ने की उम्मीद है।