तानाशाह किम ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया को धमकाया
सियोल । दुनिया के नियमों को ताक पर रखने वाला उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन हमेशा अपनी मनमानी करता आया हैं। जहां पूरी दुनिया पर्यावरण को बचाने के लिए कम परमाणु शक्तियों का प्रयोग करने के नियम बना रही हैं। वहीं तानाशाह लगातार परमाणु परीक्षण कर अपने देश के हथिहारों को बढ़ा है। उत्तर कोरिया में लोग भूख और बीमारी से मर रहे हैं, लेकिन लोगों की चिंता छोड़कर किम दुनिया के ताकतवर देशों को धमकाने पर लगा है। उत्तर कोरियाई नेता ने चेतावनी दी कि वह अमेरिका और दक्षिण कोरिया के साथ संभावित सैन्य संघर्षों में अपने परमाणु हथियारों का उपयोग करने के लिए तैयार हैं।
किम ने दावा है कि उनके प्रतिद्वंद्वी कोरियाई प्रायद्वीप को युद्ध की कगार पर धकेल रहे हैं। किम ने 1950-53 के कोरियाई युद्ध की समाप्ति की 69वीं वर्षगांठ पर पूर्व सैनिकों को संबोधित कर यह टिप्पणी की। भाषण का उद्देश्य महामारी से संबंधित आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहे देश में आंतरिक एकता को बढ़ावा देना है। कुछ पर्यवेक्षकों का कहना है कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया के खिलाफ उत्तर कोरिया की धमकियां बढ़ सकती हैं, क्योंकि दोनों सहयोगी देश अपने सैन्य अभ्यास को विस्तार देने की योजना बना रहे हैं, जिसे उत्तर कोरिया आक्रमण के अभ्यास के तौर पर देखता है।
किम ने भाषण में कहा, हमारे सशस्त्र बल किसी भी संकट से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और हमारे देश की परमाणु युद्ध क्षमता भी पूरी तरह तैयार है। उन्होंने अमेरिका पर अपनी शत्रुतापूर्ण नीतियों को न्यायसंगत ठहराने के लिए उत्तर कोरिया की ‘‘खराब तस्वीर पेश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अमेरिका-दक्षिण कोरिया के सैन्य अभ्यास अमेरिका के ‘‘दोहरे मानदंड’’ के प्रतीक हैं, क्योंकि वह उत्तर कोरिया की नियमित सैन्य गतिविधियों को उकसावे या धमकियों के तौर पर दिखाता है। दरअसल, वह उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों के संदर्भ में बात कर रहे थे। किम ने दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति यून सुक यिओल को ‘‘उन्मादी’’ बताया, जो पूर्व के दक्षिण कोरियाई नेताओं से भी आगे निकल गए हैं और कहा कि यून की रूढ़िवादी सरकार का नेतृत्व ‘‘गुंडे’’ कर रहे हैं।