प्याज की कीमत पर लगाम के लिए केंद्र ने उठाया फैसला
प्याज की कीमतों पर लगाम कसने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है उसने उन राज्यों के लिये प्याज का बफर स्टॉक सुनियोजित और लक्षित तरीके से उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है, जहां दाम पिछले महीनों के मुकाबले बढ़ रहे हैं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि बाजारों में प्याज की आपूर्ति बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र में प्याज की लासलगांव और पिंपलगांव थोक मंडियों में भी बफर स्टॉक जारी किया जा रहा है सरकार ने कहा कि इस समय प्याज की औसत कीमत पिछले साल के मुकाबले 22 फीसदी कम है 17 फरवरी को पूरे भारत में प्याज का औसत मूल्य 35.28 रुपए प्रति किलोग्राम था यह 17 फरवरी 2021 के मुकाबले 22.36 फीसदी कम है सरकार ने यह भी कहा कि देर से खरीफ प्याज का आवक अभी सुस्त है कमोबेश यह स्थिति मार्च तक बनी रहेगा, जब तक रबी फसल वाला प्याज आना शुरू नहीं हो जाता है
मंत्रालय ने कहा कि राज्यों को भंडारण से अलग स्थानों पर 21 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से प्याज की पेशकश की गई है मदर डेयरी के सफल बिक्री केन्द्रों को भी परिवहन लागत सहित 26 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से इस सब्जी की आपूर्ति की गई है पिछले कुछ हफ्तों में खुदरा प्याज की कीमतें धीरे-धीरे बढ़ रही हैं दिल्ली और चेन्नई में प्याज की कीमत 37 रुपए किलो थी, जबकि मुंबई में 39 रुपए किलो और कोलकाता में 43 रुपए किलो थी मंत्रालय ने आगे कहा कि देर से पैदावार वाली खरीफ (गर्मी) प्याज की आवक स्थिर है और मार्च, 2022 से रबी (सर्दियों) फसल के आने तक स्थिर रहने की उम्मीद है
इस साल 17 फरवरी तक, प्याज की अखिल भारतीय औसत कीमत पिछले साल की तुलना में 22.36 फीसदी कम थी मंत्रालय के अनुसार, मूल्य स्थिरीकरण कोष (प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड) के माध्यम से प्रभावी बाजार हस्तक्षेप के कारण वर्ष 2021-22 के दौरान प्याज की कीमतें काफी हद तक स्थिर रहीं इसी तरह, आलू का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य पिछले महीने की तुलना में 17 फरवरी को 6.96 फीसदी कम यानी 20.58 रुपए प्रति किलोग्राम था