कब है होली भाई दूज? जानें शुभ मुहूर्त, तिलक लगाने का समय और महत्व
रंगों के त्योहार होली के बाद होली भाई दूज का पर्व आता है. हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को होली भाई दूज मनाते हैं. यह पर्व होली के दूसरे दिन मनाते हैं. होली चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि को मनाते हैं. होली भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाती हैं और उनको भोजन कराती हैं, बदले में भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं. होली भाई दूज को भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक है. भाई दूज को भातृ द्वितीया भी कहते हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि होली भाई दूज कब है? होली भाई दूज का मुहूर्त क्या है?
कब है होली भाई दूज 2024?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, होली भाई दूज के लिए महत्वपूर्ण चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि 26 मार्च दिन मंगलवार को दोपहर 02 बजकर 55 मिनट से प्रारंभ है. यह तिथि 27 मार्च दिन बुधवार को शाम 05 बजकर 06 मिनट तक मान्य होगी. उदयातिथि के अनुसार, चैत्र कृष्ण द्वितीया तिथि 27 मार्च को है. ऐसे में होली भाई दूज का पर्व बुधवार को मनाया जाएगा.
होली भाई दूज 2024 मुहूर्त
27 मार्च को होली भाई दूज के दिन आप सुबह में 06:17 एएम से सुबह 09:22 एएम के बीच और सुबह 10:54 बजे से 12:27 बजे के बीच होली भाई दूज मना सकते हैं. यह उस दिन का शुभ समय है. इस समय में भाई को तिलक लगा सकते हैं. उस दिन का राहुकाल दोपहर 12 बजरक 27 मिनट से दोपहर 01 बजकर 59 मिनट तक है. राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य न करें. उस दिन का ब्रह्म मुहूर्त 04:43 एएम से 05:30 एएम तक है.
भाई दूज या भातृ द्वितीया का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, यमराज की बहन यमुना ने उनसे शिकायत की थी कि वे कभी उनके घर नहीं आते हैं. तब यमराज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को अपनी बहन यमुना के घर गए. यह देखकर यमुना काफी प्रसन्न हुईं और अपने भाई को तिलक लगाकर स्वागत किया. उनको अपने घर पर स्वादिष्ट भोजन कराया. इससे यमराज बहुत प्रसन्न हुए.\
तब उन्होंने बहन से कहा कि तुम्हें कुछ देना चाहता हूं. इस पर यमुना ने कहा कि आप वचन दो कि कार्तिक शुक्ल द्वितीया पर जो भाई अपनी बहन के घर जाएगा, उससे तिलक लगवाकर भोजन ग्रहण करेगा, उसे यम का भय नहीं होगा. इस पर यमराज खुश हुए और यमुना को आशीर्वाद दिया. तब से कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यम द्वितीया मनाते हैं, जिसे भाई दूज कहते हैं. यम द्वितीया या भाई दूज दिवाली के बाद होता है.