सीएम शिवराज ने ऋषिकेश में संतों से लिया आशीर्वाद, आज शाम भोपाल में करेंगे चुनावी सभा
भोपाल । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों उत्तराखंड प्रवास पर हैं। बुधवार को उन्होंने ऋषिकेश में परमार्थ निकेतन पहुंचकर स्वामी सदानंद सरस्वती से भेंट की। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान देवभूमि के दर्शन को आ गए थे। सीएम शिवराज बुधवार देर शाम अपने चुनाव अभियान की शुरुआत भोपाल से करेंगे। इससे पहले आज सुबह उन्होंने ऋषिकेश में संतों का आशीर्वाद लिया।
चुनाव अभियान से पहले लेते हैं संतों का आशीर्वाद
मीडिया से बातचीत करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वह यहां देवभूमि, मां गंगा और संतों का आशीर्वाद लेने आए हैं। इसलिए यहां वह कोई राजनीतिक बयान नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि वह पहली बार नहीं, बल्कि हर बार देवभूमि का आशीर्वाद लेकर ही चुनाव मैदान में जाते हैं।
प्रदेश के विकास के लिए भाजपा जरूरी
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र का विकास हो रहा है। मध्य प्रदेश के विकास के लिए भाजपा जरूरी है। उन्होंने कहा कि भाजपा का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत के गौरवशाली वैभवशाली बनाने के लिए महायज्ञ चल रहा है, जिसमें सभी का योगदान सुनिश्चित करना जरूरी है। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह के विकल्प के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ लोगों में न जाने कहां से इस तरह के अहंकार आ जाता है, कि सब कुछ मुझसे है। व्यक्ति को कभी अहंकारी नहीं होना चाहिए, लाखों लाख कार्यकर्ताओं से पार्टी का निर्माण होता है। शिवराज सिंह चौहान भी उन्हीं सामान्य कार्यकर्ताओं में से एक है, जो समर्पित भाव से एक विशाल लक्ष्य के साथ काम कर रहा है।
तीन दिवसीय प्रवास पर पहुंचे थे उत्तराखंड
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को देहरादून एयरपोर्ट पर उतरने के बाद ऋषिकेश के निकट बद्रीनाथ मार्ग स्थित होटल आनंद काशी में पहुंचे थे। मंगलवार का दिन उन्होंने यहां होटल तथा गंगा के तट पर एकांत में बिताया। बुधवार सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने परिवार के साथ परमार्थ निकेतन आश्रम पहुंचे। आश्रम आगमन पर ऋषि कुमारों ने उनका पुष्प वर्षा व मंगलाचरण के साथ स्वागत किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी पत्नी साधना सिंह, पुत्र कार्तिकेय व कुणाल के साथ परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती से भेंट की।