इस बार अक्षय तृतीया के अवसर पर 22 अप्रैल से शुरू होगी चारधाम यात्रा, पहले से कराना होगा पंजीकरण
देहरादून । जोशीमठ में आई दरारों के खौफ के बीच उत्तराखंड सरकार ने इस साल के चारधाम यात्रा की तारीख का ऐलान कर दिया है। 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया के अवसर पर 22 अप्रैल से चारधाम की यात्रा शुरू होगी। इस दिन गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खोले जाएंगे। केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के द्वार भी भक्तों के लिए खोले जाने की तैयारी है। सीएम पुष्कर धामी ने विश्वास जताया है कि जोशीमठ मसले का असर यात्रा पर देखने को नहीं मिलेगा।
केदारनाथ धाम के कपाट इस साल 25 अप्रैल से भक्तों के लिए खुल जाएंगे। केदारनाथ मंदिर में बाबा के द्वार के लिए सुबह 6 बजकर 20 मिनट से दर्शन किए जा सकेंगे। वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। इस साल 27 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर कपाट खोले जाएंगे। बदरीनाथ से जोशीमठ की दूरी करीब 40 किलोमीटर है, जहां पर जमीन और मकानों में दरारें आई हैं। चारधाम यात्रा के लिए इस बार पर्यटन विभाग ऑनलाइन पंजीकरण कराए जाएंगे। जिनका पंजीकरण नहीं होगा, उनको यात्रा मार्ग परेशानी उठानी पड़ सकती है। श्रद्धालुओं के पंजीकरण की जांच यात्रा मार्ग पर तीन स्थानों पर की जाएगी। पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण होगा। विगत वर्ष की भांति इस बार ऑफलाइन पंजीकरण का विकल्प नहीं दिया जाएगा।
सचिवालय में परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी की अध्यक्षता में चारधाम यात्रा तैयारियों को लेकर बैठक हुई। बैठक में पर्यटन विभाग और एनआईसी के अधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में चारधाम यात्रियों के पंजीकरण को लेकर निर्णय लिया गया कि पर्यटन विभाग इस बार वेबसाइट के माध्यम से केवल ऑनलाइन पंजीकरण कराएगा। चारों धाम में यात्रियों की क्षमता के हिसाब से एडवांस पंजीकरण कराया जाएगा। इस बार ऑफलाइन पंजीकरण का विकल्प नहीं दिया जाएगा।
इसके साथ ही यात्रियों के पंजीकरण की बड़कोट, गुप्तकाशी और सोनप्रयाग में जांच की जाएगी। इसके लिए टीमें तैनात रहेंगी। अगर यात्रियों का पंजीकरण नहीं होगा तो उन्हें रोका जा सकता है। इसके साथ ही पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर ही परिवहन विभाग के ट्रिप कार्ड का लिंक भी दिया जाएगा। यात्री पंजीकरण कराएगा तो उसका ट्रिप कार्ड भी यहीं से बन जाएगा। ट्रिप कार्ड ऑनलाइन निकाल सकते हैं। यह तय किया गया है कि वाहनों के ट्रिप कार्ड से भी यात्रियों के पंजीकरण का पता लगाया जा सकेगा।