अपनी कला और संस्कृति के लिए दुनिया भर में मशहूर भारत आज भी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र है। यहां खान-पान से लेकर पहनावे और बोली तक सभी में विधिधताएं देखने को मिलती हैं। यहां की कला और संस्कृति यहां मौजूद इमारतों पर भी झलकती है। इतिहास में यहां कई राजाओं और सम्राटों ने राज किया है, जिनके कई अवशेष आज भी यहां मौजूद हैं।

इन राजा, महाराजा और सम्राटों ने यहां कई इमारतों का निर्माण भी कराया, जिनकी बेहतरीन शिल्पकारी और वास्तुकला ने लोगों का मन मोह लिया। भारत में आज भी कई ऐसी ऐतिहासिक इमारतें मौजूद हैं, जिन्हें देखने देश-विदेश से लोग यहां आते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बेहतरीन कला का नमूना पेश करती ये इमारती कई वर्षों में बनकर तैयार हुई थीं।

ताजमहल

दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल आज भी लोगों को प्यार की मिसाल देता है। सफेद संगमरमर से बनी इस खूबसूरत इमारत को मुगल शासक शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खूबसूरती का यह नमूना कितने साल में बनकर तैयार हुआ था। दरअसल, ताजमहल को बनाने में करीब 21 साल का समय लगा था।

लाल किला

दिल्ली स्थित लाल किला का नाम तो सभी ने सुना होगा। देश के प्रधानमंत्री हर साल स्वतंत्र दिवस पर लाल किले की प्राचीर से ही राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। लाल किला का निर्माण भी मुगल शासक शाहजहां द्वारा ही कराया गया था। शाहजहां ने अपनी राजधानी आगरा की जगह दिल्ली शिफ्ट करने के लिए 29 अप्रैल 1638 में लाल किले का निर्माण शुरू करवाया था, जो साल 1648 में पूरा हुआ था। लाल किला को तैयार होने में कुल 10 साल का समय लगा था।

हुमायूं का किला

देश की राजधानी दिल्ली में स्थित हुमायूं का किला यहां के दार्शनिक स्थलों में से एक है। इस खूबसूरत ऐतिहासिक स्मारक को देखने हर साल बड़ी संख्या में सैलानी यहां पहुंचते हैं। इस किले का निर्माण हुमायूं की पत्नी महारानी बेगा बेगम ने करवाया था। सन 1558 में शुरू हुआ इस किले का निर्माण 1571 में पूरा हुआ था। इस तरह इस किले को बनने में पूरे 14 साल लगे थे।

क़ुतुब मीनार

दिल्ली में मौजूद कुतुब मीनार मुगल काल की प्रमुख निशानियां में से एक है। इस बेहद खूबसूरत और ऐतिहासिक इमारत का निर्माण मुगल शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1199 में शुरू कराया था। हालांकि, इस दौरान उनकी मौत हो गई, जिसके बाद किले का निर्माण कार्य बीच में ही रोक दिया गया। बाद में उनके दामाद इल्तुतमिश द्वारा सन 1920 में इसे पूरा कराया गया और इस तरह कुतुब मीनार को तैयार होने में करीब 21 साल का समय लगा था।

हवा महल

गुलाबी शहर जयपुर का नाम सुनते ही लोगों के मन में सबसे पहले हवामहल का ही ख्याल आता है। गुलाबी और लाल सेंडस्टोन से बने इस खूबसूरत महल को देखने आज भी भारी संख्या में लोग जयपुर आते हैं। इस महल को सन 1799 में जयपुर के महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था। 953 खिड़कियों वाले इस अनोखे महल को बनाने में लगभग 10 साल लगे थे।