भोपाल : मध्य प्रदेश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) की मंत्री संपतिया उईके पर 1000 करोड़ रुपए कमीशन लेने का आरोप लगा है. यह आरोप संयुक्त क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व विधायक किशोर समरीते ने लगाए हैं. उन्होंने पीएमओ में शिकायत की थी.

पीएमओ से जांच के आदेश के बाद पीएचई विभाग ने अपने ही विभाग की मंत्री संपतिया उईके के खिलाफ जांच बैठा दी और जांच के आदेश के बाद पीएचई के प्रमुख अभियंता ने मामले को निराधार भी बता दिया. इधर इस मामले में इस मामले में मंत्री संपतिया उइके की प्रतिक्रिया सामने आई है.

प्रमुख अभियंता ने दिए जांच के आदेश

प्रमुख अभियंता (ईएनसी) संजय अंधवान ने इस मामले में प्रधानमंत्री से की गई शिकायत और केंद्र की ओर से मांगी गई रिपोर्ट के बाद जांच के आदेश दिए हैं. प्रमुख अभियंता कार्यालय ने प्रदेश के सभी मुख्य अभियंता पीएचई और परियोजना निदेशक मप्र जल निगम को इस मामले में चिट्ठी लिखकर 7 दिन में रिपोर्ट देने को कहा है.

निर्देश में कहा गया कि राज्य के जल जीवन मिशन को भारत सरकार से मिले 30 हजार करोड़ के खर्च की जांच की जाए. इसके अलावा मंडला के कार्यपालन यंत्री की संपत्तियों की जांच के निर्देश दिए गए हैं.

शिकायतकर्ता के आरोप निराधार

जांच के आदेश के बाद बालाघाट के कार्यपालन यंत्री की रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रमुख अभियंता (ईएनसी) संजय अंधवान ने कहा कि शिकायतकर्ता किशोर समरीते की ओर से कोई भी सबूत नहीं दिया गया. केवल सूचना के अधिकार के तहत विभागीय अधिकारी की ओर से भेजे गए पत्र को ही आधार बनाया गया. उन्होंने कहा कि बालाघाट संभाग के कार्यपालन यंत्री ने किशोर समरीते को यह जानकारी दी थी कि किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है.

विभाग ने प्रेस नोट जारी कर दी सफाई

इस मामले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की ओर से एक प्रेस रिलीज भी जारी की गई है. इस प्रेस रिलीज में कहा गया है कि संयुक्त क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व विधायक किशोर समरीते ने प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रेषित किए गए पत्र में जो भी आरोप लगाए हैं, उनमें कोई भी साक्ष्य अपनी शिकायत में संलग्न नहीं किए है. ये शिकायत काल्पनिक मनगढंत आधारहीन है. इसमें कहा गया है कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री पर जो आरोप लगाए गए हैं वे तथ्यहीन एवं निराधार हैं.

क्या है पीएचई में जांच का मामला?

दरअसल, मध्यप्रदेश के पीएचई विभाग ने विभागीय मंत्री के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के आदेश दिए थे. पीएचई विभाग के प्रमुख अभियंता कार्यालय द्वारा मुख्य अभियंता पीएचई और मध्य प्रदेश जल निगम के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को चिट्ठी लिखकर बाकायदा रिपोर्ट मांगी गई थी. हालांकि, इसके बाद पीएचई ने एक और पत्र जारी कर मंत्री पर लगाए गए आरोपों को निराधार भी बता दिया है.

मंत्री संपतिया उइके ने दी सफाई

मध्य प्रदेश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने विभाग की मंत्री के लिए जांच शुरू की और फिर खुद ही सफाई भी दे दी. इस मामले में मंत्री संपतिया उइके की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. मंत्री संपतिया उईके ने ईटीवी भारत से कहा, ''मैं अभी भोपाल से बाहर हूं लेकिन मैं अधिकारियों से पूछ रही हूं कि किस आधार पर जांच करवाई जा रही है.'' मंत्री संपतिया उईके ने आगे कहा, '' जब मैं भोपाल आऊंगी तो विभागीय अधिकारियों से बात करूंगी कि ये क्या है?

विभाग की मंत्री के खिलाफ विभाग की ही जांच?

दरअसल, ये सब शुरू हुआ संयुक्त क्रांति पार्टी द्वारा पीएम मोदी को लिखे गए एक पत्र से, जिसमें पार्टी ने मंत्री संपतिया उईके पर गंभीर आरोप लगाए. पीएम मोदी को लिखे गए पत्र के आधार पर मंत्री के विभाग ने मुख्य अभियंता और प्रोजेक्ट डायरेक्टर जल निगम मध्यप्रदेश को पत्र लिखा इस पत्र में भारत सरकार की ओर से मध्यप्रदेश को जल जीवन मिशन में दिए गए 30 हजार करोड़ रुपए के खर्चे की जांच की जाने की बात कही गई है.