अपमान का करारा जवाब कैसे दें? सामने वाली की बोलती हो जाए बंद, जानें आचार्य चाणक्य की खास नीतियां
आचार्य चाणक्य एक महान विद्वान थे. उन्हें राजनीति, धर्म, समाज, अर्थशास्त्र की गहरी समझ थी. उन्होंने नीतिशास्त्र की रचना की, उनकी नीतियां आज भी हमारे लिए बेहद उपयोगी हैं. उनकी बातें हमें जीवन में सफलता प्राप्त करने और परेशानियों से बचने का रास्ता दिखाती हैं. आज के इस दौर में भी चाणक्य की नीतियां उतनी ही प्रासंगिक हैं. अक्सर देखा जाता है कि कई लोग अपमान के घूंट पीते रहते हैं और चुप रहते हैं, लेकिन क्या वाकई यह समझदारी है? चाणक्य नीति ने बताया है कि अपमान करने वालों को कैसे जवाब देना चाहिए.
चुप्पी को कमजोरी समझने लगते हैं लोग
आचार्य चाणक्य कहते हैं, अगर कोई व्यक्ति एक बार अपमान सहता है, तो वह समझदार कहलाता है. अगर दो बार सहता है, तो वह महान कहलाता है, लेकिन जो बार-बार अपमान सहता है, वह मूर्ख कहलाता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार इंसान के जीवन में सम्मान की कीमत मृत्यु से भी अधिक होती है. कई लोग अपमान सहकर चुप रहते हैं, लेकिन बार-बार अपमान सहना सही नहीं है. अपमान का घूंट जहर से भी ज्यादा कड़वा होता है.अगर कोई व्यक्ति लगातार आपका अपमान कर रहा है, तो उसे उसी समय करारा जवाब देना चाहिए, वरना लोग आपकी चुप्पी को कमजोरी समझने लगते हैं.
अपमान का सबसे बड़ा बदला है सफलता
आचार्य चाणक्य के अनुसार, खुद को इतना सफल बनाओ कि जो लोग आज आपको अपमानित करते हैं, कल आपकी प्रशंसा करने पर मजबूर हो जाएं. इससे उन्हें एक दिन खुद अपनी गलती का एहसास होगा.
मधुर व्यवहार से भी दें जवाब
गुस्से में आकर जवाब देने की बजाय, शांत और मधुर व्यवहार अपनाएं. इससे सामने वाला अपनी गलती खुद महसूस करेगा. अगली बार वह ऐसा करने से पहले जरूर सोचेगा.
अपमान करने वाले स्वयं दुखी होते हैं
जो लोग दूसरों का अपमान करते हैं, वे स्वयं भी जीवन में दुख और असफलता झेलते हैं. ऐसे लोगों से दूरी बनाना ही उचित है.
अपमान को चुनौती समझें
अपमान को दिल से न लगाएं, बल्कि इसे अपनी प्रेरणा बनाएं और खुद को इतना मजबूत बनाएं कि वही लोग आपकी सफलता को सलाम करें.
ध्यान रखें ये जरूरी बातें
1. अपनी ऊर्जा को अपमान का जवाब देने में व्यर्थ न करें, उसे अपने लक्ष्य को पाने में लगाएं.
2. समय सबका हिसाब करता है. धैर्य रखें, सफलता अवश्य मिलेगी.
3. सम्मान सबसे बड़ा धन है, इसे कभी खोने न दें.
4. खुद की कीमत समझें, तभी लोग भी आपकी कद्र करेंगे.
5. हमेशा संयम और विवेक से काम लें, यही चाणक्य नीति का सार है.