वास्तु शास्त्र में कई ऐसी चीजों का उल्लेख है, जो हमारे जीवन में सकारात्मक और नकारात्मक बदलाव ला सकती है. इसी तरह, वास्तु में यह भी बताया गया कि घर में किस जगह कौनसी तस्वीर लगानी चाहिए. देवी-देवताओं की तस्वीर के साथ बहुत से लोग अपने पूर्वजों की तस्वीर भी घर में लगा लेते हैं. लेकिन, ये गलती आप न करें. जानें पूर्वजों की तस्वीर कहां लगाएं?

उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज ने बताया कि वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में पितरों की एक से अधिक तस्वीर भूलकर भी नहीं लगानी चाहिए. मृत पूर्वजों की एक से अधिक तस्वीर लगाने से घर में नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बढ़ सकता है और घर में शुभ की जगह अशुभ परिणाम देखने को मिलते हैं. किस दिशा में पूर्वजों की तस्वीर लगाना शुभ होता है और कौन सी जगह अशुभ.

पूर्वजों की तस्वीर लगाने की सही दिशा क्या है?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितरों की तस्वीर लगाने के लिए दक्षिण दिशा सबसे सही मानी गई है. दक्षिण दिशा में पितरों की तस्वीर लगाने से उनका मुख उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए. दक्षिण दिशा को यम की दिशा माना जाता है. इस दिशा में यदि पितरों की तस्वीर लगाई जाती है तो घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.

यहां भूलकर भी न लगाएं पितरों की फोटो
शास्त्रों के अनुसार, पितरों की तस्वीर भूलकर भी ड्राइंग रूम या बेडरूम में नहीं लगानी चाहिए. ऐसा करने से घर के सदस्यों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ने लगता है, जिसकी वजह से परिवार में कई तरह की बीमारियां पैर पसारने लगती हैं.